July 25, 2018 Blog

सावन में ऐसे करे शिव की पूजा और सुख समृद्धि घर लाये|

BY : Dr. Sandeep Ahuja – Ayurvedic Practitioner & Wellness Writer

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By: Rajnisha

पौराणिक कहावत और धर्म ग्रंथो को देखें तो सावन के महीने की महिमा का अत्यधिक महत्व है| इसी महीने में ही पार्वती जी ने शिव जी की घोर तपस्या की थी और भगवान शिव ने प्रसन्न होकर उन्हें सावन के महीने में ही दर्शन दिये थे | तब से भक्तो की आस्था है की इस महींने में शिव जी की तपस्या से और पूजा पाठ से शिव जी जल्दी प्रसन्न होते है और मनचाहा वरदान देते हैं | पौराणिक मान्यताओ के अनुसार महाशिवरात्रि सर्वश्रेष्ठ दिन है उसके बाद  सावन के महीने के प्रत्येक सोमवार का विशेष महत्व है | ऐसा कहा जाता है की सोलह सोमवार का व्रत करने से कुँवारी कन्याओ को सुन्दर पति मिलते है तथा पुरुषों को सुन्दर पत्निया मिलती है | बारह महीनो में सावन का महीना विशेष है | इसमें शिव की पूजा करने से प्रायः सभी देवी देवताओ की पूजा का फल मिलता है | शास्त्रों में भगवान शिव की पूजा तीन पहर तक करने का विधान है | इससे शनि देव और हनुमान जी की कृपा दृष्टि बनी रहती है | पौराणिक कथाओ में एक कथा प्रचलित है कहते है की जब सरत कुमारों ने महादेव से सावन का महीना प्रिय होने का कारन पुछा तो भगवान्  शिव ने कहा की जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर पर योग शक्ति से शरीर त्यागा था तो उससे पहले देवी सती ने हर जन्म में भगवन शिव को पति रूप में पाने का वर प्राप्त किया था | जब अगले जन्म में सती ने पार्वती के रूप में जन्म लिया तब अपने युवा अवस्था में कठोर तप से सावन महीने में भगवान शिव को प्रसन्न किया और उन्हें पति के रूप में प्राप्त करने का वरदान प्राप्त किया| तब से सावन महीने में शिव की पूजा का अति महत्व है |

सावन के महीने में ही कांवड़ यात्रा भी शुरू होती है | जिसमे कावड़िए पूरी श्रद्धा और भक्ति से कठिन नियमो का पालन करते है | माना जाता है की कांवड़ ले जाने की परम्परा रावण द्वारा शुरू की गयी थी | वह हर सावन में देवघर आकर शिव को जल चढ़ाया करता था | तभी से ये परम्परा चली आ आ रही है | भगवान शिव को प्रकृति का देवता भी कहा  जाता है इसलिए जब प्रकृति हरी भरी होती है तब उनकी आराधना का विशेष महत्व होता है | ऐसे में अगर आराधना कांवड़ द्वारा हो तो उसका महत्व और भी बढ़ जाता है |

सावन माह में शिव जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी विशेष पूजा करनी चाहिए | जिससे भगवान् शिव से मन चाहा वरदान पाया जा सके | उसके लिए भगवान् शिव को कुछ खास चीजों का अर्पण करना चाहिए |


  • सावन में रोज २१ बिल्व पत्रों पर ॐ नमः शिवाय लिखकर  एक-एक करके निचे दिए गए मंत्र से चढ़ाये आपकी सभी मनो कामनाये पूर्ण होंगी |

              

नमो बिल्ल्मिने च कवचिने च नमो वर्म्मिणे च वरूथिने च नमः श्रुताय च श्रुतसेनाय च नमो दुन्दुब्भ्याय चा हनन्न्याय च नमो घृश्णवे॥

          दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनम्‌ पापनाशनम्‌। अघोर पाप संहारं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्‌॥

त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम्‌। त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्‌॥

          अखण्डै बिल्वपत्रैश्च पूजये शिव शंकरम्‌। कोटिकन्या महादानं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्‌॥

गृहाण बिल्व पत्राणि सपुश्पाणि महेश्वर। सुगन्धीनि भवानीश शिवत्वंकुसुम प्रिय।|


  • विवाह में आ रही अड़चन दूर करने के लिए सावन में रोज शिवलिंग पर केसर मिला दूध चढ़ाये | आपकी सारी अड़चने दूर होंगी |
  • बैल को नंदी का रूप माना जाता है अतः बैल को हरा चारा खिलाएं आपके घर में सुख समृद्धि आएगी |
  • प्रत्येक सोमवार गरीबो को दान दे और भोजन कराएं |
Author: Dr. Sandeep Ahuja – Ayurvedic Practitioner & Wellness Writer

Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.